Menu
blogid : 1751 postid : 761916

मर्यादा

उत्थान
उत्थान
  • 26 Posts
  • 23 Comments
    आचरण मर्यादित रखना नितांत आवश्यक है. स्त्री एवं पुरुष को स्वयं भगवान ने ही भिन्न बनाया है. हमे भगवान की बनाई प्राकृतिक भिन्नता का सम्मान करना ही होगा. उसने जहाँ एक ओर स्त्रियोचित सौंदर्य बनाया है वहीं दूसरी ओर उसी सौंदर्य के लिए पुरुषोचित तीव्र आकर्षण भी बनाया है.
    जहां पुरुष के लिए मर्यादा का अर्थ इस आकर्षण को मर्यादित करना है, वहीं दूसरी ओर स्त्री के लिए मर्यादा का अर्थ सौंदर्य के अनावश्यक अथवा असंस्कृत प्रदर्शन को मर्यादित करना है.
    पंकज जौहरी

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply to pkdubeyCancel reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh